एक आहत
नाराज़‚ क्षुब्ध बच्चे की तरह
एक हाथ में कैंची
और
एक हाथ में
सम्बन्धों के उलझे धागे लिये बैठी हूँ,
आंख दिखा रहा है आकाश
मनुहार करती धरा
थामे है हाथ
मुझे ये ज़िद है कि
न सुलझे अगर ये
सम्बन्ध
तो काट के तार तार
सुलझा ही लूंगी
इनका उलझाव!
कविताएँ
ज़िद
आज का विचार
“जब तक जीना, तब तक सीखना” – अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं।
आज का शब्द
द्विशाखित होना The river bifurcates up ahead into two narrow stream. नदी आगे चलकर दो संकीर्ण धाराओं में द्विशाखित हो जाती है।