एक धुँधली सी पोट्रेट है वह
एब्स्ट्रेक्ट पेन्टिंग सी
उसे ठीक–ठीक समझ पाना
कोई शीर्षक दे पाना
असंभव ही है.।
कुछ हिस्से बहुत स्पष्ट‚ खूबसूरत
चौंका देने की हद तक कलात्मक
कुछ बिखरे‚ उड़े–उड़े से
कहीं टूटी मुस्कान सी
तो
कहीं कहकहों से भरी–भरी
किसने बनाया उसे ऐसा
कोई नहीं जानता
जो भी उसे एक बार देखता है
उत्सुक हो फिर देखता है
पर उसे समझ पाने की उलझन से
सभी बचते हैं
कुछ खीजते हैं
कुछ ठिठक कर आगे बढ़ जाते हैं
वह भी मानिनी नहीं करती
आग्रह किसी से
कि उसे उठाया जाए
गर्द पौंछ किसी
कलावीथिका में लगाया जाए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

आज का विचार

चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो।

आज का शब्द

मिलनसार The new manager is having a very genial personality. नये मैनेजर का व्यक्तित्व बहुत ही मिलनसार है।