लोग कहते थे वह एक सादा दिल
भावुक औरत थी
मिजाज़ – लहजे
ढब और चाल से
रफ्तार ओ गुफ्तार से

उसकी रेल अकसर सपनों में
छूट जाया करती थी
अकसर वीरान स्टेशनों पर
सपनों में वह खुद को अकेला पाती
उसके सपनों में
कोलाज जैसे कुछ चेहरे थे
अजनबी शहरों का रास्ता दिखाते
भीतर दबे शहरों का
माकूल सा पता बताते

उसके सपनों में सैलाब थे
भंवर के बीच खिलते कमल थे
एम्फीथियेटरों में भटकती
वह उनके गलियारों में नाचती थी
न जाने कौनसे अनजाने दृश्य जीती
और
सम्वाद दोहराया करती थी
वह उड़ती थी सपनों में
नीली मीनारों की उंचाइयों से
कूद कर
हवा में ही गुम हो कर

घबरा कर
रोज़ सुबह
वह पलटा करती थी पन्ने
सपनों का अर्थ जानने वाली किताबों के
सपने जो उसे
बिला नागा हर रात आते
सपने जो दुर्लभ थे
वे और उनके अर्थ वहां नहीं मिलते थे
किसी ने कहा था लिखना खुल कर
अपने सपनों के बारे में देर रात तक
जागना चाय के प्याले‚ कलम और
काग़ज के साथ
फिर कहा —
रख देना
मेज पर इन कागजों को खुला
फड़फड़ाने देना पांच घण्टों तक

वह लिख देती सपने कागज़ों पर
छोड़ देती फड़फड़ाता
कुछ ही घण्टों में
उनके रंग और अर्थ बदल जाते
तब वह गुमसुम हो जाया करती
बन्द कर देती
एम्फीथियेटरों के विशाल दरवाजे
उतर आती नीली मीनारों से
और लौट जाती
अपनी सादा सी दुनिया में
दिन भर।

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आज का विचार

जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।

आज का शब्द

मोहर Continuous hard work is the cachet of success in the life. निरंतर परिश्रम ही जीवन में सफलता की मोहर है।