शादी के अगले रोज़ ही
वह शामिल हो गयी जमात में
खांटी औरत घरेलू बन कर
फंस गयी बिसात में।
उसी घर और बिस्तर पर
पुरुष ने भी बिताया समय
फिर भी किसी ने उसे नहीं कहा
खांटी घरेलू मर्द।
कविताएँ
खांटी घरेलू
आज का विचार
ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम ही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हैं।
आज का शब्द
द्विशाखित होना The river bifurcates up ahead into two narrow stream. नदी आगे चलकर दो संकीर्ण धाराओं में द्विशाखित हो जाती है।