आज जब आवाज़ सुनी
फोन पर तुम्हारी
लगा बीते हुए सपने को
एकाएक याद आ गई हमारी
कि हमने कभी साथ साथ
आकाश का वस्त्र बुना था।
धरती की हरीतिमा के बीच
चुना था दिव्य प्रेम जो
देह और मन की आकांक्षाओं के तले
पलकर जवान हुआ
मैं सपने से पूछूंगी
कहाँ गुम हो गया था वह
शहर की भीड़ में
अकेला छोड़ मुझे
कहाँ रहा वह इतने दिन
किसके साथ
किस आंख की कोटर में
तुम्हारे और मेरे बीच
सपने की अनिवार्यता से
मैं वाकिफ हूँ
पूछूंगी इससे
कहाँ रहा हमारे बगैर इतने दिन
क्या उस दुनिया में
जहाँ प्रेम‚ कामना‚ इच्छा मोह
जैसा कुछ नहीं होता शायद
और वह जल सकता है
निष्काम – निष्कंप लौ की तरह
झूलती हैं पत्तियां
होने न होने के बीच
पूछूंगी उससे
पूछूंगी तुमसे…।
कविताएँ
पूछूंगी तुमसे…
आज का विचार
एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
आज का शब्द
मिलनसार The new manager is having a very genial personality. नये मैनेजर का व्यक्तित्व बहुत ही मिलनसार है।