मैं बहुत वक्त तक सोयी रहती
अगर नहीं जगाता मुझे मेरा बच्चा
बहुत देर तक गूंजती रही मेरे कानों में
उन औरतों की चीखें
जिन्हें आधी रात घरों के बाहर खींच
उतार दिये गये कपड़े
तलवार की नोंकों पर
चढ़ा दिये गये उनके बच्चे
फिर बहुत देर तक गूंजती रही
पुलिस की जीपों के सयरनों की आवाज़ें
अब सब ठीक हो गया
मैं करवट बदल कर सो गयी
जानते हुए भी कि
वे भेज दी गयी हैं
एक यातनागृह से दूसरे में
उनकी तकलीफें‚ शर्म‚ आंसू
और नफरत
जिन्हें बाद में सिर्फ
लिखा जा सकता है
सड़कों पर पड़े थे
उनके कपड़ों की तरह
खून से सने
और वे हराम के माल की तरह
बंटती रहीं दाना – दाना
और जब आयी मेरी बारी
जो कि आनी थी
मेरा बच्चा कुचला गया
उनके बूटों के नीचे
और मेरी चीखें
घुट गयीं अपने अंधेरो में
हमारी सदी का
सबसे भयावह सच है
चुप रहना।
कविताएँ
सदी का सबसे भयावह सच
आज का विचार
एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
आज का शब्द
मोहर Continuous hard work is the cachet of success in the life. निरंतर परिश्रम ही जीवन में सफलता की मोहर है।