अजनबी रास्तों पर
पैदल चलें
कुछ न कहें
अपनी अपनी तन्हाइयां लिये
सवालों के दायरों से निकलकर
रिवाज़ों की सरहदों के परे
हम यूं ही साथ चलते रहें
कुछ न कहें
चलो दूर तक
तुम अपने माज़ी का
कोई ज़िक्र न छेड़ो
मैं भूली हुई
कोई नज़्म न दोहराऊं
तुम कौन हो
मै क्या हूं
इन सब बातों को‚
बस रहने दें
चलो दूर तक
अजनबी रास्तों पर पैदल चलें

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आज का विचार

विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।

आज का शब्द

समानता Women’s Day advocates gender parity. महिला दिवस लैंगिक समानता की वकालत करता है।