जब भी अन्यमनस्कता के क्षण
मन पर गहरा–गहरा के
घिर आते हैं‚
मैं अपने भीतर सूखते जाते प्यार
और दीवाने दिनों की स्मृतियाँ
टतोलती हूँ।
सोचती हूँ‚ शायद राहत मिले
लेकिन‚
प्यार एक परत और सूख चुका होता है
बीते दीवाने दिनों की स्मृति‚
यथार्थ की एक और लहर
मिटा चुकी होती है
और मैं छूट जाती हूँ‚
और ज्यादा
अन्यमनस्क!

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आज का विचार

विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।

आज का शब्द

समानता Women’s Day advocates gender parity. महिला दिवस लैंगिक समानता की वकालत करता है।