आसमान एक तंग गली है
ठीक मेरी गली के ऊपर
उस पर न तो स्पूतनिक उड़ते हैं
न रंग बिरंगी चिड़ियां
गंधमयी बयार भी नहीं छूती उसे
न बादलों को घेरती सुनहरी रेखाएं
हां मेरी हथेली पर कभी – कभी उतर आते हैं
धूप के कुछ कतरे
जिन्हें सूरज मान मैं
चूम लेती हूँ
प्रणाम कर माथे पर धर लेती हूँ
और छुवा देती हूँ
उस नन्हें बोन्साई को
जो कुछ दिन पहले ही
परिवार का सदस्य बनने चला आया था
और अब धमकी देने लगा है
कूच कर जाने की
मैं डर जाती हूँ उसकी धमकी से
और आंखों से चूसने लगती हूँ
गली पार के आसमान की नीलाई को
आसमान के टुकड़े को
बिस्कुट की तरह चबाने लगती हूँ
कहीं अपनी जगह से वो गायब न हो जाये
मैं पूरा का पूरा निगल जाना चाहती हूँ
और विटामिन डी की गोली खा
दफ्तर के केबिन में बन्द हो जाती हूँ

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आज का विचार

एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।

आज का शब्द

समानता Women’s Day advocates gender parity. महिला दिवस लैंगिक समानता की वकालत करता है।