नये साल की पहली सुबह
बड़ी उम्मीदों के बाद निकला था
नया चमचमाता सूर्य
ढेर सा विश्वास ढोए थी मैं
मैं भूल कर स्वयं को
डूबी थी चौंधिया देने वाली रोशनी में
पता न चला
सूर्य की एक किरण
हाथ में लिये थी
चमचमाता खंजर
शायद वह तीखी रोशनी
उसी की रही होगी
सहसा दर्द की भीषण लहर उठी
हृदय में धंसा था वही रोशनी का खंजर
न वह सूर्य था‚ न वह किरण
दिन के पहलू में पड़ी
गहरी आहत अचेत रात थी
अँधेरे का लहू
विश्वास के ढेर पर
बह रहा था।
कविताएँ
नये साल की पहली किरण
आज का विचार
दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
आज का शब्द
मिलनसार The new manager is having a very genial personality. नये मैनेजर का व्यक्तित्व बहुत ही मिलनसार है।