तरह तरह के रिश्तों की
चट्टानों‚ पत्थरों और रेत से
बहकर
हर बार यह रिश्ता
और पारदर्शी
और चमकीला हुआ है
ज़रा भर कर देखो तो‚
अपनी अंजुरियों में
कैसा झिलमिलाता है
यह मानवीयता का रिश्ता !

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आज का विचार

ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम ही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हैं।

आज का शब्द

समानता Women’s Day advocates gender parity. महिला दिवस लैंगिक समानता की वकालत करता है।