कुछ रिश्ते
जो अनाम होते हैं
नहीं की जाती व्याख्या जिनकी
जिन्हें लेकर
नहीं समझी जाती
ज़रूरत किसी विश्लेषण की

इनके होने की शर्तें बेमानी होती हैं
बहुत चाव से इन्हें
‘ अनकण्डीशनल ‘
‘ नि:स्वार्थ ‘ होने की संज्ञा दी जाती है
बस फिर कहां रह जाती है
गुंजाइश किसी अपेक्षा की

बस वे होते हैं‚ होने भर को
पड़े रहते हैं कहीं
अपनी – अपनी प्राथमिकताओं
के अनुसार सबसे पीछे
लगभग भुला दिये जाने को
या वक्त ज़रूरत पड़ने पर
उन्हें तोड़ – मरोड़ कर
इस्तेमाल कर लिये जाने को
‘ सखा‚ बन्धु‚ अराध्य‚ प्रणयी …
और भी बहुत तरह से
इतना कुछ होकर भी
इन रिश्तों में
कुछ भी स्थायी नहीं होता
हालांकि इन रिश्तों से
होती है रुसवाई
खिसका देते हैं ये रिश्ते
पैरों के नीचे की ज़मीन
बहुत भुरभुरे होती हैं इनकी दीवारें

कभी भूल से भी इनसे
टिक कर खड़े न हो जाना!

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आज का विचार

किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।

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समानता Women’s Day advocates gender parity. महिला दिवस लैंगिक समानता की वकालत करता है।